बीते साल दिसंबर में सबसे पहले चीन में कोरोनावायरस के मामले सामने आए थे जिसके बाद इस वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैलता जा रहा है और आज यह एक वैश्विक महामारी बन चुका है और इसको देखते हुए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन वायरस हमारे शरीर को किस तरह बर्बाद कर देता हैं।
वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड
इनक्यूबेशन पीरियड संक्रमण होने और लक्षण दिखने के बीच का वक्त होता है यह वह वक्त होता है जब वायरस इंसान की शरीर में प्रवेश करके जम जाता है शरीर में जाने के बाद यह वायरस सांस लेने में तकलीफ पैदा करता है इसका पहला हमला हमारे गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है इसके बाद यह वायरस सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है यहां यह वायरस इस तरह की फैक्ट्रियां बनाता है कि जिससे इसकी संख्या बढ़ती जाती है जिसके बाद यह नहीं करो ना वायरस बाकी कोशिकाओं पर हमला करने लगते हैं हर किसी का इनक्यूबेशन पीरियड अलग-अलग हो सकता है लेकिन आमतौर पर यह 5 दिनों का होता है।
बीमारी के लक्षण
शुरुआती दौर में आप बीमार महसूस नहीं करते फिर धीरे-धीरे बदन दर्द और बुखार होने लगता है वायरस के कारण होने वाली खांसी अमूमन सूखी खांसी होती है जैसे कि करीब 1 सप्ताह तक रहती है जिसके बाद इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में कामयाब होने पर मरीज का स्वास्थ्य एक हफ्ते में सुधारने लगता है लेकिन कुछ मामलों में व्यक्ति का स्वास्थ्य और बिगड़ता है और वायरस के लक्षण गंभीर दिखने लगते हैं।
वायरस के एक गंभीर लक्षण
पूरे शरीर में सूजन आने लगती है जिससे शरीर को गंभीर नुकसान होने लगता है इस दौरान कोरोनावायरस फेफड़ों में छोटे-छोटे पैक बनाने लगता है इन एयर सेट में पानी जमा होने लगता है और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है इस दौरान वह लंबी सांस नहीं ले पाता और ऐसी स्टेज में मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है बताया जाता है कि पुराना वायरस से संक्रमित 6 फ़ीसदी मरीज इसके बेहद गंभीर स्टेज पर पहुंच जाते हैं जहां इंसान का शरीर वायरस के सामने हार जाता है जिसके बाद मरीज के फेफड़े फेल होने ऑर्गन फेल होने और मौत का जोखिम हो जाता है।
वायरस का इनक्यूबेशन पीरियड
इनक्यूबेशन पीरियड संक्रमण होने और लक्षण दिखने के बीच का वक्त होता है यह वह वक्त होता है जब वायरस इंसान की शरीर में प्रवेश करके जम जाता है शरीर में जाने के बाद यह वायरस सांस लेने में तकलीफ पैदा करता है इसका पहला हमला हमारे गले के आसपास की कोशिकाओं पर होता है इसके बाद यह वायरस सांस की नली और फेफड़ों पर हमला करता है यहां यह वायरस इस तरह की फैक्ट्रियां बनाता है कि जिससे इसकी संख्या बढ़ती जाती है जिसके बाद यह नहीं करो ना वायरस बाकी कोशिकाओं पर हमला करने लगते हैं हर किसी का इनक्यूबेशन पीरियड अलग-अलग हो सकता है लेकिन आमतौर पर यह 5 दिनों का होता है।
बीमारी के लक्षण
शुरुआती दौर में आप बीमार महसूस नहीं करते फिर धीरे-धीरे बदन दर्द और बुखार होने लगता है वायरस के कारण होने वाली खांसी अमूमन सूखी खांसी होती है जैसे कि करीब 1 सप्ताह तक रहती है जिसके बाद इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में कामयाब होने पर मरीज का स्वास्थ्य एक हफ्ते में सुधारने लगता है लेकिन कुछ मामलों में व्यक्ति का स्वास्थ्य और बिगड़ता है और वायरस के लक्षण गंभीर दिखने लगते हैं।
वायरस के एक गंभीर लक्षण
पूरे शरीर में सूजन आने लगती है जिससे शरीर को गंभीर नुकसान होने लगता है इस दौरान कोरोनावायरस फेफड़ों में छोटे-छोटे पैक बनाने लगता है इन एयर सेट में पानी जमा होने लगता है और व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है इस दौरान वह लंबी सांस नहीं ले पाता और ऐसी स्टेज में मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है बताया जाता है कि पुराना वायरस से संक्रमित 6 फ़ीसदी मरीज इसके बेहद गंभीर स्टेज पर पहुंच जाते हैं जहां इंसान का शरीर वायरस के सामने हार जाता है जिसके बाद मरीज के फेफड़े फेल होने ऑर्गन फेल होने और मौत का जोखिम हो जाता है।
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