इटली में कोरोना वायरस के कारण मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है और फिलहाल इसके कम होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही दूसरे देशों की तुलना में जहां मृत्यु दर काफी ज्यादा है और यह चिंता का कारण बना हुआ है।
दरअसल कोरोनावायरस का असर बुजुर्ग लोगों पर ज्यादा हो रहा है और न्यू युवक टाइम्स के मुताबिक इटली में 65 जाए ज्यादा साल के लोगों की संख्या एक चौथाई है देश में अब तक कोरोना की वजह से गई ज्यादातर जाने हंसी 600 साल के उम्र के लोगों की हो रही है क्योंकि इस उम्र में वायरस की चपेट में आना बहुत आसान होता है लेकिन उसे लड़ने की शक्ति कम हो जाती है।
टेस्टिंग की कमी इटली की मृत्यु लड़के ज्यादा होने के पीछे अहम कारण मानी जा रही हैं जिन लोगों खासकर युवाओं को हल्के-फुल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं वह या तो टेस्ट कराने जा नहीं रहे ओरिया उन्हें बिना टेस्ट के वापस भेज दिया जाता है इनमें से कई ऐसे होते हैं जिन्हें करुणा का इंफेक्शन होता है लेकिन बिना टेस्ट उन्हें पॉजिटिव नहीं माना जाता इसकी वजह से दूसरी जगह हूं की तुलना में पॉजिटिव पाए गए केस कम रहे हैं जबकि मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है और आखिर में मृत्यु दर बढ़ी हुई नजर आती हैं।
फेलेद्फिनीया के Temple University public health में क्रिस जन्स का मानना है की इटली की असल मृत्यु दर 3.4 प्रतिशत होनी चाहिए लोगों के टेस्ट नहीं कराने के कारण यह मृत्यु दर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है इसे एक और बड़ा नुकसान या है अभी कि अभी तक यह सटीक तरह से पता नहीं है कि असल में कितने लोग वायरस इनफेक्टेड हैं इस तरह कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ता चला जाता है जो इस महामारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण बन जाता है।
इटली के भयानक हालात के पीछे जो सबसे बड़ी वजह है मानी जा रही है वह देश की स्वास्थ्य व्यवस्था है अस्पतालों की हालत खराब हो गई है और बेड कम पड़ते जा रहे हैं कुराना के मरीजों का फील्ड अस्पतालों में इलाज चल रहा है पब्लिक अस्पतालों के कोरिडोर मरीजों की कतारों से भरे पड़े हैं यहां तक कि इन मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर के पास कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी सामान भी नहीं है जिसे भी खुद भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं लॉम्बार्डी मेडिकल सेवाएं लगभग ध्वस्त हो चुकी हैं डॉक्टर संदिग्धों में से चुन रहे हैं कि किस का इलाज करना है इक्विपमेंट्स की कमी है और युवाओं के जिंदा रहने की ज्यादा उम्मीद होने के कारण उनके ऊपर संसाधन खर्च किया जा रहा है।
सरकार और प्रशासन इस आरोप को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया है और सिर्फ जरूरी काम के लिए लोगों को बाहर आने की इजाजत है पुलिस किसी को भी सड़क पर डालने की इजाजत नहीं दे रही है वाला की खबर नाजुक आर्थिक हालात के चलते लोग इन नियमों का उल्लंघन करने को मजबूर हैं पुलिस का कहना है कि अगर लोगों ने नियम नहीं माने तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी एक्सपर्ट का कहना है कि यह लौट डाउन पहले से ही खड़ा होना चाहिए था लॉम्बार्डी में ज्यादा टेस्ट किए जाते तो हालात की गंभीरता को समझा जा सकता था जो बाद में केंद्र बन गया शुरू में राजनीति होती रहे और ढीले रवैए के साथ कदम उठाए गए थे।
दरअसल कोरोनावायरस का असर बुजुर्ग लोगों पर ज्यादा हो रहा है और न्यू युवक टाइम्स के मुताबिक इटली में 65 जाए ज्यादा साल के लोगों की संख्या एक चौथाई है देश में अब तक कोरोना की वजह से गई ज्यादातर जाने हंसी 600 साल के उम्र के लोगों की हो रही है क्योंकि इस उम्र में वायरस की चपेट में आना बहुत आसान होता है लेकिन उसे लड़ने की शक्ति कम हो जाती है।
टेस्टिंग की कमी इटली की मृत्यु लड़के ज्यादा होने के पीछे अहम कारण मानी जा रही हैं जिन लोगों खासकर युवाओं को हल्के-फुल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं वह या तो टेस्ट कराने जा नहीं रहे ओरिया उन्हें बिना टेस्ट के वापस भेज दिया जाता है इनमें से कई ऐसे होते हैं जिन्हें करुणा का इंफेक्शन होता है लेकिन बिना टेस्ट उन्हें पॉजिटिव नहीं माना जाता इसकी वजह से दूसरी जगह हूं की तुलना में पॉजिटिव पाए गए केस कम रहे हैं जबकि मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है और आखिर में मृत्यु दर बढ़ी हुई नजर आती हैं।
फेलेद्फिनीया के Temple University public health में क्रिस जन्स का मानना है की इटली की असल मृत्यु दर 3.4 प्रतिशत होनी चाहिए लोगों के टेस्ट नहीं कराने के कारण यह मृत्यु दर बढ़ती हुई दिखाई दे रही है इसे एक और बड़ा नुकसान या है अभी कि अभी तक यह सटीक तरह से पता नहीं है कि असल में कितने लोग वायरस इनफेक्टेड हैं इस तरह कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ता चला जाता है जो इस महामारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण बन जाता है।
इटली के भयानक हालात के पीछे जो सबसे बड़ी वजह है मानी जा रही है वह देश की स्वास्थ्य व्यवस्था है अस्पतालों की हालत खराब हो गई है और बेड कम पड़ते जा रहे हैं कुराना के मरीजों का फील्ड अस्पतालों में इलाज चल रहा है पब्लिक अस्पतालों के कोरिडोर मरीजों की कतारों से भरे पड़े हैं यहां तक कि इन मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर के पास कि अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी सामान भी नहीं है जिसे भी खुद भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं लॉम्बार्डी मेडिकल सेवाएं लगभग ध्वस्त हो चुकी हैं डॉक्टर संदिग्धों में से चुन रहे हैं कि किस का इलाज करना है इक्विपमेंट्स की कमी है और युवाओं के जिंदा रहने की ज्यादा उम्मीद होने के कारण उनके ऊपर संसाधन खर्च किया जा रहा है।
सरकार और प्रशासन इस आरोप को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया है और सिर्फ जरूरी काम के लिए लोगों को बाहर आने की इजाजत है पुलिस किसी को भी सड़क पर डालने की इजाजत नहीं दे रही है वाला की खबर नाजुक आर्थिक हालात के चलते लोग इन नियमों का उल्लंघन करने को मजबूर हैं पुलिस का कहना है कि अगर लोगों ने नियम नहीं माने तो और कड़ी कार्रवाई की जाएगी एक्सपर्ट का कहना है कि यह लौट डाउन पहले से ही खड़ा होना चाहिए था लॉम्बार्डी में ज्यादा टेस्ट किए जाते तो हालात की गंभीरता को समझा जा सकता था जो बाद में केंद्र बन गया शुरू में राजनीति होती रहे और ढीले रवैए के साथ कदम उठाए गए थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें